मैं खड़ा काल के अंत पे है घना अँधेरा ये अनंत है पाप है नाश है केशव क्यों ना आये तू यहाँ पृथ्वी नश्वर मांगे…
ये कहा ले आई तकदीरें है सफर नया नया या देख के ये नज़ारे यूं लगे खिले हैं जैसे तारे अब किसने ये सब मौसम…
तू ही है युगों योगों से वो रक्षा करे जो सारे जहान की तूने ही तो आके मिट्टी में मिलाया धरा पे जो पापी कोई…
मतलब की दुनिया है सारी मैं क्यों लूं किसी की ज़िम्मेदारी दिल ये मेरा हां बेफिक्रा ओह पंजाबी आओ रे ओए मेरी मिज़ाजन अंखियां माने…
पालना है बादलों का तकिया चांद का पालना है बादलों का तकिया चांद का ओढ़ने को तारों से जड़ा ये आसमां तेरा माथा चूम के…
अगर मगर करते कहीं उमर न ढल जाए बगल वाली छोकरी बगल से ही निकल जाए तुझसे पहले उड़द किसी और की ही गल जाए…
मैंने चाहा तुझे मेरी खता नहीं मेरी खता है के तुझे पता नहीं तेरे नाल तेरे नाल प्रीता लाइयां हो तेरे नाल तेरे नाल प्रीता…
तुझको जहाँ पे अपना दिल ये दिया था मैंने दिल तोड़ने उस जगह पर ही बुलाया मुझको तरस नहीं आया तुझको तरस नहीं आया तुझको…
कुड़ी तू लगदी है फर्राटा छायी मेरे दिल पे इश्के दी फुलझड़ी का धमाका हुआ तुझे मिलके ऐ मेरा हुस्न है चाँद आवारा तेरी गली…
Aararaari Raaro कैद में खिलने वाला फूल तू है शेरा तू करेगा एक दिन ये दूर अँधेरा कैद में खिलने वाला फूल तू है शेरा…