मैं खड़ा काल के अंत पे है घना अँधेरा ये अनंत है पाप है नाश है केशव क्यों ना आये तू यहाँ पृथ्वी नश्वर मांगे ईश्वर मुक्ति बनके आ अंदर काला अम्बर काला समय चीर कर आ
ये कहा ले आई तकदीरें है सफर नया नया या देख के ये नज़ारे यूं लगे खिले हैं जैसे तारे अब किसने ये सब मौसम ये रोशनी रंग ज़मीन पर हैं उतारे
तू ही है युगों योगों से वो रक्षा करे जो सारे जहान की तूने ही तो आके मिट्टी में मिलाया धरा पे जो पापी कोई आया तेरे सिवा हमारा कोई ना तेरे जैसा सहारा कोई ना है
मतलब की दुनिया है सारी मैं क्यों लूं किसी की ज़िम्मेदारी दिल ये मेरा हां बेफिक्रा ओह पंजाबी आओ रे ओए मेरी मिज़ाजन अंखियां माने ना गल्ल ढींठ है पक्कियां
नवरा नवरी लक्ष्माबाई नवरी गयी तिना मामांना गायी मामाजी मामाजी आंदण कायी दिसू वं भाच्याबाई कपिल्या गायी कपिल्या गायनी धांड्यानी जोडी
नवरदेव नवरी गं कशा न्हाती तेच पानी गं बने जाती तेच पानी गं मोर पेती तठून मोर गं उधळीला आंबा चाफ्यावर बसविला आंबा चाफ्याचा हिरवा काचा
सोनानी कुदाई रुपानं दांड, रुपानं दांड खंदानी खंदा (गावाचे नाव)नी खाण, (गावाचे नाव)नी खाण (गावाचे नाव)नी खाणनी रेवायी माटी, रेवायी माटी ती माटी ती माटी तमाणे भरा, तमाणे भरा तमाणे भरा रुमाले झाका, रुमाले झाका
खानदेश नी जत्रा फिरावसु तुला न ओ मनी जाणा खानदेश नी जत्रा फिरावसु तुला न ओ मनी शोना… आमना गाव ना जत्रा नि गोष्ट शे न्यारी तठे सिंगार ना वस्तू लई लई भारी…
कानबाई चालनी गंगेवरी व माय चालनी गंगेवरी कानबाई चालनी गंगेवरी व माय चालनी गंगेवरी साखर पेरत चालनी व माय पेरत चालनी साखर पेरत चालनी व माय पेरत चालनी
पालना है बादलों का तकिया चांद का पालना है बादलों का तकिया चांद का ओढ़ने को तारों से जड़ा ये आसमां तेरा माथा चूम के सुनाऊं मैं तुझे परियों की कहानी जुगनुओं की दास्तान